Students doing B.Sc without practical :- बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कॉलेजों में बिना प्रैक्टिकल के ही हर वर्ष हजारों छात्र एवं छात्राएं बीएससी और एमएससी कर रहे हैं। विवि के कई कॉलेजों की लैबोरेट्री में केमिकल से लेकर उपकरण तक नहीं हैं। सामान के साथ-साथ तकनीशियन के नहीं रहने के कारण छात्र एवं छात्राएं कई पेपर का प्रैक्टिकल नहीं कर पाते हैं। कॉलेज के शिक्षकों ने बताया कि परीक्षा के दिनों में कुछ सामान एवं केमिकल मंगाकर प्रैक्टिकल का कोरम पूरा किया जाता है।
Students doing B.Sc without practical
कॉलेजों और पीजी विभागों की लैबोरेट्री के लिए राष्ट्रीय उच्च शिक्षा अभियान (रूसा) से एक करोड़ की राशि आई थी। लेकिन, वह अभी तक कॉलेजों तक नहीं पहुंचा है। एक बड़े कॉलेज के शिक्षक ने बताया कि लैब में सॉल्ट एनालिसिस के लिए बर्नर तो है, लेकिन प्रैक्टिकल के लिए इंडीकेटर ही नहीं है। विवि में 30 नंबर का प्रैक्टिकल कराया जाता है। उन्होंने बताया कि लैब में सल्फ्यूरिक एसिड व पोटैशियम भी उपलब्ध नहीं हैं। विवि के रजिस्ट्रार प्रो. राम कृष्ण ठाकुर ने बताया कि जल्द ही पीजी व कॉलेजों में लैबोरेट्री के सामान पहुंच जाएंगे।
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सामान में लग गए जंग
लैबोरेट्री में तकनीशियन और डेमोंस्ट्रेटर नहीं हैं। प्राचार्य और शिक्षकों ने बताया कि तकनीशियन और डेमोंस्ट्रेटर के नहीं होने से प्रैक्टिकल के सामान की देखरेख भी नहीं हो रही है। जिसके कारण कई सामान में जंग लग चुके हैं।
नैक में बेहतर रैंकिंग में आएगी दिक्कत
विवि में नैक मूल्यांकन की तैयारी चल रही है। इसमें कॉलेज के संसाधन और प्रैक्टिकल के सामान भी देखे जाते हैं। बीआरएबीयू में संसाधनों की कमी का असर नैक की रैंकिंग पर भी पड़ेगा। विवि से जुड़े लोगों ने बताया कि 2015 में सामान खरीदे गए थे। उसके बाद खरीदारी नहीं हुई।
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