New National Education Policy 2022: भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (New National Education Policy2022 ) के जरिए स्कूली शिक्षा के ढांचे में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं। भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर काम तेजी से शुरू हो गया है। इस नई शिक्षा नीति (new education policy 2022) के जरिए स्कूली शिक्षा के सिलेबस में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम को 10 प्लस टू के पैटर्न से निकालकर फाइव प्लस थ्री प्लस थ्री प्लस फोर के पैटर्न पर ले जाने का है।
21 वीं सदी को देखते हुए बनाया नई शिक्षा नीति को
New National Education Policy में शिक्षा को नए ढांचे में बदलने की जरुरत है। इसरो के प्रमुख देश के वरिष्ठ विज्ञानी के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई में नई शिक्षा नीति तैयार की गई है। मंत्रालय का मानना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि इस शिक्षा नीति के जरिए बदलाव के जो सपने देखे गए हैं वे पूरी तरह से ढांचे में आ सकें। शिक्षा मंत्रालय ने 21 वीं सदी को देखते हुए नई शिक्षा नीति को बनाया है।
नई शिक्षा नीति की स्कूली शिक्षा
एनईपी को 2020 में मंजूरी दी गई थी। यह नई शिक्षा नीति शिक्षा के अधिकार अधिनियम की अवधि को भी बढ़ाता है और अब 3 से 18 वर्ष की आयु को कवर करेगा। यह शिक्षा नीति कुल स्कूली शिक्षा अवधि को व्यवस्थित करने पर विचार करता है ताकि प्रारंभिक बचपन और अच्छा बन सकें। आमतौर पर आज शहरी परिवेश में अपनाई जाने वाली शिक्षा प्रणाली के अनुसार बच्चे पहले प्लेस्कूल में शामिल होते हैं और फिर उन स्कूलों में चले जाते हैं जहां वे दो साल की किंडरगार्टन कक्षाएं करते हैं और उसके बाद 12 साल की स्कूली शिक्षा करते हैं।
5+3+3+4 स्कूल प्रणाली
एनईपी 2020 में 5+3+3+4 की नई स्कूली शिक्षा प्रणाली के अनुसार बच्चे 5 साल फाउंडेशनल स्टेज में, 3 साल प्रिपरेटरी स्टेज में, 3 साल मिडिल स्टेज में और 4 साल सेकेंडरी में बिताएंगे।
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