सीतामढ़ी:- आमलोगों में अमन-चैन स्थापित करने के लिए हर थाना में पैंथर मोबाइल की तैनाती की गयी है। जो अपने-अपने क्षेत्र में संदेहास्पद गतिविधियों पर नजर रखते है, लेकिन कुछ पैंथर मोबाइल में शामिल पुलिसकर्मियों की कार्यशैली से कभी-कभी जनाक्रोश भी भड़क जाता है।
ऐसा हीं कुछ नजारा बुधवार को जिला मुख्यालय स्थित शंकर चौक पर देखने को मिला। जहां अभिभावक, छात्र एवं पैंथर मोबाइल के दो सिपाहियों के बीच तेज नोक-झोंक हो रही थी। एक अभिभावक अपने आप को अधिवक्ता बताने वाले पैंथर मोबाइल में शामिल सिपाही को कानून की परिभाषा भी बता रहे थे।
उनका कहना था कि बच्चे घर से ट्यूशन व घरेलू सामान लाने के लिए कुछ देर के लिए चौक-चौराहे पर बाइक से आते है, ऐसे में हर वक्त कागजात व हेलमेट रखना संभव नही हो पाता है। अगर गतिविधि संदेहास्पद हो तो रोक-टोक जरूर करें, लेकिन जानबूझ कर स्कूली व कॉलेज के बच्चे पर धौंस जताने के लिए सार्वजनिक जगह पर रोककर दुर्व्यवहार किया जाता है। ऐसे में शराफत से शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों का आत्मबल कमजोर होता है।
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बिना वर्दी के सिपाही पर भी भड़के
पुलिस की कार्यशैली ऐसी नही होनी चाहिए। पैंथर मोबाइल को यह भी कहा जा रहा था कि कानून सब के लिए एक है। हेलमेट पहनना व ड्राइविंग लाइसेंस रखना पैंथर मोबाइल के लिए भी उतना ही आवश्यक है, जितना आमलोगों के लिए। बिना वर्दी के वाहन की जांच कर रहे एक पैंथर मोबाइल पर भी लोगों ने अपनी भड़ास निकाली।
इधर पैंथर मोबाइल के सिपाहियों का कहना था कि वह आमलोगों की हिफाजत के लिए पूरी ईमानदारी से अपने कर्तव्य का निर्वहन करते है। ऐसे में आमलोगों को भी सहयोग करना चाहिए। संदेहास्पद गतिविधि या ट्रिपल लोडिंग देखकर हीं किसी को रोका जाता है। दोनों के बीच चल रही नोकझोक एक दारोगा के आने के कुछ देर के बाद रूकी. इस दौरान घटनास्थल पर आने-जाने वाले लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही थी।