Bihar local news:- आम आदमी को फिलहाल महंगाई की मार से राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस की कीमतों ने नया रिकॉर्ड कायम कर दिया है। आम आदमी समझ ही नहीं पा रहा है कि वह करे तो क्या करे? कैसे वह इस महंगाई पर काबू पाए और घर-परिवार के खर्च को कैसे बैलेंस करें? इसी बीच आज सुबह से ही ट्विटर पर 1 मार्च से दूध ₹100 प्रति लीटर 1 मार्च से दूध ₹100 लीटर बिकने की बात ट्रेंडिंग पर है।
1 मार्च से दूध 100 रुपए प्रति लीटर हैशटैग टॉप ट्रेंड में है। ऐसा होता है, तो पेट्रोल, डीज़ल और रसोई गैस के बाद महँगाई का सबसे बड़ा ओवरडोज होगा क्योंकि तेल से कहीं ज्यादा जरूरत की वस्तु दूध है और यह प्रत्येक भारतीय परिवार का रोज़मर्रा व्यंजन का हिस्सा है। अगर ऐसा होता है, तो यह आम जनता के गहरे जख्मों ( महँगाई की मार) पड़ नमक छिड़कने जैसा साबित होगा और इसका ख़ामियाज़ा भाजपा को आने वाले पश्चिम बंगाल, असम, केरल जैसे अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में भुगतना पर सकता है।
ट्विटर पर लोग दावा कर रहे हैं कि पेट्रोल डीजल की कीमतें बढ़ने के बाद अब किसान भी दूध के दाम बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इसके साथ ही ट्विटर पर मजदूर किसान एकता दिवस और BJP se sab pareshan हैशटैग भी ट्रेंड कर रहा है।
₹100 लीटर दूध बेचने की क्या है पूरी सच्चाई
महँगाई से परेशान जनता को और परेशान करने वाली इस खबर की वजह के पीछे दिल्ली हरियाणा के सिंधु बार्डर पर किसानों के धरना प्रदर्शन में शामिल हुए भारतीय किसान यूनियन के अंबाला जिला प्रधान मलकीत सिंह का बयान है। मलकीत सिंह ने कहा था कि 1 मार्च से किसान दूध के दाम में ₹50 का इज़ाफा करने जा रहे हैं। दूध की कीमत में ₹50 की बढ़त करने के बाद ₹50 प्रति लीटर बिकने वाला दूध अब 1 मार्च से ₹100 प्रति लीटर बेचा जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी कर केंद्र सरकार ने किसानों को चारों तरफ से घेरने की कोशिश की है। इसके प्रत्युत्तर में संयुक्त किसान मोर्चा ने अब दूध के दाम में रुपया 50 प्रति लीटर का इज़ाफा करने का मन बनाया है।
अगर केंद्र सरकार किसानों की तीनों क़ानूनों को रद्द करने की मांग पूरी नहीं करती है, तो कृषि आंदोलन को शांतिपूर्वक बढ़ाते हुए सब्जियों के मूल्यों में भी किसानों के द्वारा दोगुनी बढ़ोतरी की जाएगी। मलकीत सिंह के इस बयान के बाद से ही दूध ₹100 प्रति लीटर ट्विटर पर टॉप ट्रेंड करने लगा।
उल्लेखनीय है कि तीनों केंद्रीय कृषि क़ानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली-एनसीआर के चारों बार्डर ( सिंधु, टिकरी ,शाहजहांपुर और गाजीपुर बार्डर) पर किसानों का धरना प्रदर्शन लगातार जारी है। किसान तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने से कम कोई शर्त मानने के लिए तैयार नहीं है।
₹100 प्रति लीटर दूध की आधिकारिक पुष्टि नहीं
दूध ₹100 प्रति लीटर बिकने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से इस संबंध में आधिकारिक रूप से कोई संवाद नहीं किया गया है। अमूल एवं मदर डेयरी जैसी बड़ी संस्था के सोशल साइट्स पर भी ₹100 लीटर दूध बिकने को लेकर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है। लिहाजा ट्विटर पर चल रहे इस ट्रेंड को मात्र एक हैशटैग माना जा सकता है, जिसका सच्चाई से फिलहाल दूर-दूर तक कोई रिश्ता नहीं है। इसलिए जबतक इसकी कोई पुख्ता जानकारी नहीं आ जाती है, तबतक ऐसी ख़बरों को सच नहीं मानना चाहिए।
By:- mrinal sinha
0 टिप्पणियाँ